हमारी प्रेरणा भास्कर है जिनका रथ सतत् चलता.... युगों से कार्यरत है जो सनातन है प्रबल उर्जा... गति मेरा धरम है जो भ्रमण करना भ्रमण करना.... यही तो मन्त्र है अपना, शुभंकर मन्त्र है अपना...